उच्च तुंगता जीवविज्ञान केंद्र
उद्देश्य :
- हिमालय के पारिस्थितिक तंत्र में जलवायु परिवर्तन के प्रभाव का आकलन एवं अध्ययन
- उच्च तुंगता क्षेत्र के आनुवंशिक संसाधनों के संरक्षण और लक्षणचित्रण और मूल्य संवर्धन के लिए उनका बायोप्रोसपेक्श
- उच्च तुंगता जीव विज्ञान में अध्ययन
कार्य :
- (इन सीटू और एक्स सीटू) उच्च तुंगता क्षेत्र के महत्वऔपूर्ण पौधों की संरक्षिका
- बायोप्रोसपेक्शटन Bioprospection
- जलवायु परिवर्तन के प्रभाव का अध्ययन
- उच्च तुंगता पारिस्थितिकी के लिए ढांचा /मॉडल तैयार
- जननक्षम/प्रजनन जीव विज्ञान और जैवसंपदा उत्पा)दन
आधारभूत साधन/ व्यवस्था:
- पर्यावरण डेटा टावर
- फार्म और पॉलीहाउस सुविधाएं
- पादप और सूक्ष्माजीव /माइक्रोबियल प्रयोगशालाएं
- फसलोपरांत प्रबंधन के लिए प्रायोगिक संयंत्र
- शीत संरक्षण सुविधा
- खाद्य प्रसंस्करण सुविधा इकाई
- सगंध तेल निष्कर्षण इकाई
- प्लांट टिशू कल्चर प्रयोगशाला
उच्च तुंगता क्षेत्र में अनुसंधान की उपलब्धियां:
- वृक्षयुक्तो क्षेत्र में वनस्पति की निगरानी के लिए 10 दीर्घकालीन पारिस्थितिक अनुसंधान भूखंड
- सूदूर संवेदी-भागोलिक सूचना प्रणाली का उपयोग कर स्थानिक अस्थायी वनस्पति और बायोमास नक्शे
- पिक्रोराइज़ा कुरुआ में पिक्रोसाइड चयापचय पर ऊंचाई और तापमान का प्रभाव
- एक नवीन कार्बन पृथक विधि और नाइट्रोजन उपयोग पक्रिया प्रतिपादित
- पौधों में जैविक और अजैविक तनाव सहिष्णुता प्रदान करने के लिए उत्तरदायी महत्वपूर्ण जीन
- लाहौल घाटी में व्यिवसायिक पुष्पा खेती
- सीबकर्थोन जर्मप्लाज्म का संसाधन केंद्र
- पिक्रोराइज़ा कुरुआ और एकोनिटम हेट्रोफिलम, क्रोकस स्टाइवस, जिनसेंग आदि के प्रदर्शन पंखण्ड तैयार किए गए।